हिंदी दिवस की समारोह | 2021

चौदह सितंबर उन्नीस सौ उनचास (1949) को तब हुआ था , जब भारत की संविधान सभा ने हिंदी को भारत की अधिकारीक भाषा या राज्य भाषा के तौर पर अपनाया था।उन्नीस सौ तिरपन ( 1953) में राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के अनुरोध पर चौदह सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रुप में मनाये जाने लगे । इसी तौर पर हमारे पाठशाला में भी चौदह सितंबर दो हजार इक्कीस (2021) को हिंदी दिवस बहुत धूमधाम से मनाया गया। हिंदी दिवस के प्रयुक्त सभी कक्षा के छात्रों को अलग-अलग तरह की गतिविधियां दिए थे । उसमें सभी बच्चे भाग लिए थे। नवी कक्षा के बच्चों ने अपने प्रार्थना गीत से इस समारोह को प्रारंभ किया।दसवीं कक्षा के बच्चों ने अपने स्वागत गीत से अतिथियों का स्वागत किया। नवीं कक्षा के छात्र चिरंत कुंबार अपनी भाषण से हिंदी का महत्व और इसे क्यों मनाये इसके बारें में कहां और कुमारी रूचिता गठनठ्ठी,कुमार विजय उल्लिगेरी ने शायरी सुनाए ।दसवीं कक्षा के छात्रों ने” ईमानदारों के सम्मेलन “नाटक के द्वारा बेईमानी से दूर रहने का सचेत कराया। इस समारोह के मुख्य अतिथि प्राथमिक पाठशाला के प्रधान अध्यापक श्री मंजुनाथ हुगार जी ने हिंदी दिवस के महत्व के बारें में छात्रों को समझाया और अंत में सभी को धन्यवाद कहते हुए इस समारोह को समाप्त किया गया ।